Qayamat Ki Nishaniyan Our Uski Haqiqat | क़यामत की निशानियां और उसकी हकीकत
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Qayamat Ki Nishaniyan Our Uski Haqiqat |
हदीस की रौशनी में क़यामत
एक दिन तमाम दुनिया, इंसान, हैवान, जिन, फ़रिश्ते, आसमान और जो कुछ इनमें है, सब फ़ना हो जाएंगे। अल्लाह के सिवा कुछ भी बाकी नहीं रहेगा। इसी को क़यामत आना कहते हैं।
क़यामत आने से पहले कुछ निशानियां ज़ाहिर होंगी, जिनमें से कुछ हम यहां लिखते हैं:
1. धरती में धंसने की घटनाएं (ख़सफ)
- तीन जगहों पर लोग ज़मीन में धंस जाएंगे:
- पूरब में
- पश्चिम में
- अरब में
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2. इल्म-ए-दीन का उठ जाना
- इल्म दिन खत्म जाएगा।
- उलमा दुनिया से उठ जाएंगे।
3. जहालत की अधिकता
- लोग इल्म दिन से दूर हो जाएंगे।
- बुराइयां बढ़ जाएंगी।
4. गुनाहों की कसरत
- शराबखोरी और ज़िना (व्यभिचार) बहुत बढ़ जाएगा।
- यह इतनी बेहयाई से होगा जैसे गधे आपस में जोड़ा खाते हैं।
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5. पुरुषों की कमी और महिलाओं की अधिकता
- पुरुषों की संख्या कम होगी और औरतों की संख्या बहुत अधिक होगी।
- यहां तक कि एक मर्द की सरपरस्ती में 50 औरतें होंगी।
6. माल की अधिकता
- दुनिया में धन-सम्पत्ति बहुत बढ़ जाएगी।
- लेकिन इसके साथ लालच और असंतोष भी बढ़ेगा।
7. अरब में हरियाली और नदियों का बहना
- अरब में खेत, बाग़ और नहरें होंगी।
- नदी फ़ुरात (Euphrates) अपने खज़ाने खोल देगी, जो सोने के पहाड़ होंगे।
8. परिवार में अव्यवस्था
- मर्द अपनी औरत की बात मानेगा, लेकिन माता-पिता की नहीं।
- दोस्तों से मेल-जोल रखेगा और माता-पिता से दूरी बना लेगा।
9. संगीत और गाने-बजाने की कसरत
- हर जगह गाने-बजाने का माहौल होगा।
- लोग इस्लामी अहकाम भूल जाएंगे।
10. बड़ों का अपमान
- लोग अपने बड़ों को बुरा कहेंगे।
- पूर्वजों को अपशब्द कहने का चलन बढ़ेगा।
11. नालायक और अयोग्य लोग शासक बनेंगे
सत्ता और नेतृत्व ऐसे लोगों को मिलेगा जो इसके काबिल नहीं होंगे।
12. गरीब और पिछड़े लोग अमीर बनकर घमंड करेंगे
- जो कभी तन ढकने को मोहताज थे, वे महलों में इतराएंगे।
13. मस्जिदों में शोरगुल
- मस्जिदें सिर्फ़ दिखावे के लिए होंगी।
- उनमें अल्लाह की इबादत कम और शोर-शराबा ज्यादा होगा।
14. इस्लाम पर क़ायम रहना कठिन होगा
- इस्लाम पर अमल करना इतना मुश्किल हो जाएगा, जैसे मुट्ठी में अंगारा पकड़ना।
- इंसान कब्रिस्तान में जाकर तमन्ना करेगा कि काश, वह इस कब्र में होता।
15. समय की कमी और तेजी से गुजरना
- बरकत खत्म हो जाएगी।
- साल महीनों की तरह, महीने हफ्ते की तरह, हफ्ते दिन की तरह और दिन घंटे की तरह बीतेगा।
16. जानवरों और बे जान चीजों का बोलना
- जंगली जानवर इंसानों से बातें करेंगे।
- कोड़े की नोक और जूते का फीता बोलेगा।
- आदमी की अपनी जांघ उसे घर की खबर देगी।
17. सूरज का पश्चिम से निकलना
- जब सूरज पश्चिम से निकलेगा, तब तौबा का दरवाजा बंद हो जाएगा।
- इस समय इस्लाम लाना कबूल नहीं किया जाएगा।
18. झूठे नबी और दज्जालों का आना
-अलावह बड़े दज्जाल के तीस दज्जाल और होंगे जो सब नबी होने का दाबा करेंगे हालाकि नुबूवत खत्म हो चुकी। हमारे नबी मोहम्मद रसूलुल्लाह सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम के बाद कोई नबी न होगा इन दज्जालों में बहुत से गुजर चुके जैसे मुसैलिमा कज्जाब-तलीहा बिन खोवयलिद-अस्वद अनसी सज्जाह, मिर्जा अली मोहम्मद बाब, मिर्जा अली हुसैन बहाउल्लाह, मिर्जा गुलाम अहमद कादियानी वगैरह और जो बाकी हैं जरूर होंगे।
खुलाशा
क़यामत की ये निशानियां धीरे-धीरे पूरी हो रही हैं। हमें चाहिए कि हम अल्लाह की इबादत करें, इस्लाम के बताए हुए रास्ते पर चलें और अपने ईमान को मजबूत रखें।