निकाह से पहले लड़की देखना

इस पोस्ट में आपको ये बताया जाएगा की किसी लड़की को निकाह से पहले देख सकते है या नही 

Nikah Se Pahle Ladki Dekhna
Nikah Se Pahle Ladki Dekhna

Nikah Se Pahle Ladki Dekhna

किसी लड़की या औरत को किसी गैर मर्द को उस वक्त दिखाने में कोई हर्ज नहीं जब वोह उस से शादी का इरादा रखता हो या उसे शादी का पैगाम भेजा हो। लेकिन उस मर्द के दूसरे मर्द रिश्तेदारों या दोस्त अहबाब को नहीं दिखाना चाहिए के वोह सब गैर महरम है. (जिन से पर्दा करना जरूरी है) लिहाजा सिर्फ लड़के या मर्द और उसके घर की औरतें ही लड़की देखे 

देखने का तरीका

निकाह से पहले औरत को देखना जाईज़ है लेकिन इस बात का जरूर ख़्याल रखें कि लड़के को लड़की इस तरह से दिखाए के लड़की को इस बात की भनक भी न लगे के लड़का उसे देख रहा है (यानी खुल्लम मला सामने न लाए) अगर इस एहतियात से दिखाया जाएगा तो इस में कोई हर्ज नाही बल्कि बेहतर है के बाद में गलत फहमी नहीं होती ।

हदीस 1

 हज़रत मुहम्मद सलामा रदीअल्लाहो तआला अन्हो कहते कि "मैं ने एक औरत को निकाह का पैगाम दिया। मैं उसे देखने के लिए उस के बाग में छुप कर जाया करता था यहाँ तक के मैंने उसे देख लिया किसी ने कहॉ आप ऐसी हरकत क्यों करते है हलांकि आप हुजूर के सहाबी है, तो मैं ने कहा-रसूलुल्लाह सल्लल्लाहो अलेहवसल्लम ने इरशाद फरमाया "जब अल्लाह तआला किसी के दिल में किसी औरत से निकाह की ख़्वाहिश डाले और वोह उसे पेगाम दे तो उस की जानिब देखने में कोई हर्ज नहीं" 

हदीस 2

हज़रत जाबिर रदीअल्लाहो तआला अन्हों से रिवायत है कि हुजूर सल्लल्लाहों तआला अलैहि व सल्लम ने इरशाद फरमाया-
जब तुम में से कोई"किसी औरत को निकाह का पैगाम दे तो अगर उस औरत को देखना मुम्किन हो तो देख ले" ।
(अबू दाऊद शरीफ, बाब नं. 96, हदीस नं. 314, जिल्द 2 सफा 122)


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