इस पास में आपको ये बताया जाएगा की अल्लाह तआला को ऊपर वाला कहना कैसा है|
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| Allah Tala Ko Upar Wala Kahna Kaisa Hai |
Allah Tala Ko Upar Wala Kahna Kaisa Hai
कुछ लोग अल्लाह तआला को नाम लेने के बजाए "ऊपर वाला" कहते हैं। यह निहायत गलत बात है। अगर यह अकीदा रख कर कहा जाए कि अल्लाह तआला ऊपर है, तो यह कुफ्र है। क्यूंकि अल्लाह की ज़ात ऊपर, नीचे, आगे, पीछे, दाहिने, बायें तमाम दिशाओं, हर मकान और हर ज़मान से पाक और बरतर व बाला है।
दिशाओं का निर्माण और अल्लाह की ज़ात
अल्लाह तआला ने इन सब दिशाओं—पूरब, पश्चिम, उत्तर, दक्षिण, ऊपर, नीचे, आगे, पीछे, और ज़मान व मकान—को पैदा किया है। इसलिए यह कहना गलत है कि अल्लाह तआला किसी एक दिशा में है। जब उसने इन चीज़ों को पैदा नहीं किया था, तब भी वह था। उसकी हकीकत को उसके अलावा कोई नहीं जानता।
अर्श और अल्लाह
अगर कोई कहे कि अल्लाह तआला अर्श पर है, तो उससे पूछा जाए कि जब अर्श को पैदा नहीं किया गया था, तब वह कहाँ था? इसी तरह अगर कोई कहे कि अल्लाह तआला ऊपर है, तो उससे पूछा जाए कि ऊपर को पैदा करने से पहले वह कहाँ था?
अल्लाह को "ऊपर वाला" कहना कब सही है?
हाँ, अगर कोई यह ख़्याल रखकर कहे कि अल्लाह तआला सब से बुलन्द व बाला है और उसका मर्तबा सब से ऊपर है, तो यह कुफ्र नहीं है। लेकिन फिर भी ऐसे अल्फाज़ से बचना चाहिए, जिनसे कुफ्र का शुबहा हो। इसलिए अल्लाह तआला को "ऊपर वाला" कहना मना है, और इससे बचना ज़रूरी है।
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अल्लाह को "मालिक" कहना
कुछ लोग अल्लाह तआला को "मालिक" कहते हैं, जैसे कि "मालिक ने चाहा तो ऐसा हो जाएगा" या "मालिक जो करेगा वह होगा"। यह भी एक सही तरीका नहीं है।
अल्लाह को उसके नाम से पुकारना
सबसे अच्छी और सच्ची बात यह है कि अल्लाह तआला को "अल्लाह" ही कहा जाए। उसका नाम लेना सबसे बेहतरीन इबादत है। उसका ज़िक्र करना ही इंसान का सबसे बड़ा मक़सद है। एक सच्चे मुसलमान की पहचान यह है कि उसे अल्लाह का नाम लेने और सुनने में सुकून और खुशी महसूस हो।
निष्कर्ष:
अल्लाह तआला को उसके असली नाम से पुकारना और उसका ज़िक्र करना सबसे उत्तम और सही तरीका है। किसी भी ऐसे शब्द या उपमा से बचें, जिससे गलतफहमी या कुफ्र का शुबहा हो।
