सुहागरात की बातें दोस्तों से कहना :-
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Suhagrat Ki Bate Doston Se Kahna |
कुछ लोग अपनी सुहाग रात की बातें दूसरों को बताते हैं
कुछ लोग अपने दोस्तों को पहली रात (सुहाग रात) में बीवी के साथ की हुई बातें और हरकतें मज़े ले कर सुनाते हैं। दूल्हा अपने दोस्तों को बताता है और दुल्हन अपनी सहेलियों को बताती है, और सुनाने वाला और सुनने वाले इसे बड़े खुशी के साथ मज़े लेकर सुनते हैं। यह बहुत ही जहीलाना (अशिष्ट) तरीका है। भला इससे ज़्यादा बेशर्मी की बात और क्या हो सकती है?
हदीस की रोशनी में सुहाग रात की बातें बताना नाजायज है
इस्लाम में यह आदत बहुत नापसंद की गई है। जमाने जहालत में लोग अपने दोस्तों को और औरतें अपनी सहेलियों को रात में की हुई बातें और हरकतें बताया करते थे। जब सराकरे मदीना सल्लल्लाहो तआला अलैहि वसल्लम को इस बात की ख़बर हुई तो आपने इसे सख्त नापसंद फरमाया और इरशाद फरमाया:
अगर आप पूरी नमाज़ सीखने चाहते है :-
"जिस किसी ने सोहबत की बातें लोगों में बयान की, उसकी मिसाल ऐसी है जैसे शैतान औरत, शैतान मर्द से मिले और लोगों के सामने ही खुलेआम सोहबत करने लगे।"
(अबू दाऊद शरीफ,📕📕📕 जिल्द 2, बाब नं. 127, हदीस नं. 407, सफा 155)
खुलासा
इस्लाम में शादीशुदा जिंदगी की personal बातें दूसरों को बताना बिल्कुल मना है। यह न सिर्फ सामाजिक एतबार से गलत है बल्कि हदीस में भी इसे सख्ती से मना किया गया है। मुसलमानों को चाहिए कि वे अपनी इज्जत और इस्लामी तालीमात की हिफाजत करें और इस तरह की हरकतों से बचें।